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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

jahangir ka itihas in hindi। जहांगीर का इतिहास

हेलो दोस्तों आज हम आपको अपने इस लेख में जहांगीर से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराने जा रहे हैं।  जैसे जहांगीर कब राजा बना   ? जहांगीर और अनारकली का क्या संबंध था ? जहांगीर ने नूरजहां से विवाह कब किया ? जहांगीर के शासनकाल में खुसरो का विद्रोह  ? आदि ।  परिचय :- जन्म -  30 अगस्त 1596 ईसवी  बचपन का नाम - सलीम   उपाधि - नूरुद्दीन मोहम्मद जहांगीर बादशाह गाजी   आत्मकथा -  तुजुक ए जहांगीरी , जहांगीर ने अपनी आत्मकथा फारसी भाषा में लिखी है। जहांगीर की मृत्यु  के पश्चात मोहम्मद हादी ने इसे पूरा किया।  पिता - अकबर   माता -  हरका बाई ( इतिहास में जहांगीर की मां का नाम जोधाबाई प्रचलित है किंतु इस बात का कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है जोधा बाई नाम का उल्लेख जहांगीर की मां के रूप में या अकबर की पत्नी के रूप में कहीं भी नहीं मिलता है)  राज्य अभिषेक - 3 Nov 1605 ईस्वी मकबरा -  जहांगीर का मकबरा शहादरा लाहौर में स्थित है।  जहांगीर की पत्नियां तथा उनसे प्राप्त संताने -  • मानबाई  - खु...

नूरजहाँ का इतिहास इन हिन्दी। नूरजहाँ का इतिहास नोट्स इन हिन्दी। noorjahan ka itihas in hindi

हेलो फ्रेंड्स आज हम आपको अपने इस लेख में नूरजहां के इतिहास के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं  नूरजहाँ कौन थी   ? नूरजहाँ का विवाह किसके साथ हुआ   ? नूरजहाँ की   मुलाकात जहांगीर से किस प्रकार हुई   ? नूरजहां का शासन पर क्या प्रभाव था ?  इन सभी प्रश्नों के जवाब आपको इस लेख के माध्यम से प्रदान किये जाएंगे ।  नूरजहां का विवाह शेर अफगान नामक एक व्यक्ति से हुयी थी। बंगाल के एक मुगल सूबेदार के साथ युद्ध में शेर अफगान की मृत्यु हो गई। बहुत से लोगों का कहना है कि शेर खान की हत्या जहांगीर के कहने पर की गई क्योंकि जहांगीर नूरजहां से विवाह करना चाहता था इसलिए उसने ऐसा करवाया । किंतु सभी इतिहासकारों का ये मत नहीं है क्योंकि ऐतिहासिक साक्ष्यों को देखने से पता चलता है कि जहांगीर , नूरजहां से बहुत बाद में मिला जबकि शेर अफगान की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी। जहांगीर एक बार अपने किसी रिश्तेदार के यहां गया हुआ था जहां उसने नवरोज के त्यौहार में पहली बार नूरजहां को देखा और उसकी सुंदरता पर मोहित हो गया तथा उससे विवाह कर लिया।  नूरजहां के प्रमुख संबंधी - ...

Rajarammohan rai in hindi। राजा राममोहन राय के समाज सुधार आंदोलन। bramha samaj in hindi। brambha samaj

राजा राममोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण के जनक के रूप में जाना जाता है । राजा राममोहन राय द्वारा ब्रह्म समाज की स्थापना की गई थी जो कि पाश्चात्य विचारधाराओं पर आधारित था । यह हिंदू धर्म का पहला सुधार आंदोलन था।  राजा राम मोहन राय भारतीय नवजागरण के अग्रदूत थे।  राजा राममोहन राय एकेश्वरवाद में विश्वास करते थे अर्थात् उनका मानना था कि भगवान एक है और लोग उन्हें अलग-अलग रूपों में पूजते हैं किंतु वास्तव में हम सभी को बनाने वाले भगवान अलग ना होकर एक ही शक्ति हैं।  • 1809 में उन्होंने एकेश्वरवादएकेश्वरवादियों को उपहार नामक एक पुस्तक लिखी।  • उन्होंने वेदों और उपनिषदों का बंगाली भाषा में अनुवाद कर यह स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म ग्रंथ भी एक ही ईश्वर को मानते हैं।  • 1814 में उन्होंने कोलकाता में आत्मीय सभा की स्थापना की।  आत्मीय सभा - मित्रों का समाज • जाति प्रथा , मूर्ति पूजा, सती प्रथा एवं अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने का प्रयत्न किया।  • राजा राम मोहन राय द्वारा अनेक कुरीतियों जो कि हिंदू धर्म से संबंधित थी, का विरोध करने के कारण काफी लोगों ने पाश्चात्य धर्...

आर्य समाज और स्वामी दयानंद सरस्वती । Aarya samaj in hindi। आर्य समाज के 10 सिद्धांत

आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा 1875 ई. में बम्बई ( मुंबई )में की गई। आर्य समाज का प्रमुख उद्देश्य वैदिक कालीन व्यवस्था को अपनाना था तथा किसी कारणवश धर्म परिवर्तित कर चुके लोगों को पुनः हिंदू धर्म में लाना था। स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों को ही सबसे श्रेष्ट बताया तथा प्रत्येक व्यक्ति को वेद में बताए गए नियमों के अनुसार जीवन जीने का संदेश दिया।  • स्वामी दयानंद सरस्वती के बचपन का नाम मूल शंकर था।   •   पूर्णानंद ने उन्हें दयानंद सरस्वती नाम दिया।   • स्वामी दयानंद सरस्वती के गुरु का नाम स्वामी विरजानंद था। स्वामी विरजानंद नेत्रहीन थे।  • स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 ईस्वी में आर्य समाज की स्थापना की। प्रारंभ में इन्होंने मुंबई को आर्य समाज का मुख्यालय बनाया किंतु बाद में उन्होंने लाहौर को आर्य समाज का मुख्यालय बनाया।  •  स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा "वेदों की ओर लौट चलो" का नारा दिया गया।  • आर्य समाज ने वेदों को श्रेष्ठ बताया किंतु हिंदू ग्रंथ, पुराणो की आलोचना की ।  उन्होंने कहा कि स्वार्थी और अज्ञानी व्यक्तियों...

uttar mugal kal notes । उत्तर मुगल काल के शासक इन हिन्दी।

मुगलकालीन शासकों को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है।  (1)  मुगलकाल ( 1526 - 1707 )  (2) उत्तरमुगल काल ( 1707 - 1857 )  उत्तर मुगल काल की विभिन्न शासक एवं उनसे संबंधित प्रमुख तथ्य निम्नलिखित हैं - 1. बहादुरशाह-i  (1707-1712)  2. जहाँदार शाह  (1712-1713)  3. फर्रूखसियर  (1713-1719)  4. रफी-उद्-दरजाल  (1719)  5. रफी-उद-दौला  (1719)  6. मोहम्मद शाह रंगीला  (1719-1748)  7. अहमदशाह  (1749-1754)  8. आलमगीर ii (1754-1758)  9. शाहआलम ii (1759-1806)  10. अकबर ii (1806-1837)  11.बहादुर शाह जफर (1837-1857)  1. बहादुरशाह-i (1707-1712)  •  बहादुर शाह प्रथम का मूल नाम मुअज्जम था। •  उसने शाहे बेखबर की उपाधि धारण की।   • बहादुर शाह प्रथम ने दो युध्द लड़े दोनों ही उत्तराधिकार के युद्ध थे।  1. जजाऊ युद्ध - आजम के विरुद्ध 2. बीजापुर युध्द - कामबख्श के विरुद्ध • बहादुर शाह प्रथम एक सहिष्णु शासक था।  2. जहाँदार शाह (1712-1713)  • जहांदार शाह एक कमजोर शासक ...

Babar in hindi। बाबर का इतिहास इन हिंदी

बाबर ने भारत में मुगल वंश की स्थापना की बाबर का पूरा नाम जहीरूउद्दीन मोहम्मद बाबर था। मुगल मंगोलों और तुर्क जनजातियों के सम्मिश्रण थे जिसे सम्मिलित रूप से मुगल कहा गया। मुगल का शाब्दिक अर्थ बहादुर होता है।  बाबर के पिता उमर शेख मिर्जा तैमूर के वंशज थे।  मुगल अपनी माता की ओर से मंगोल अर्थात चंगेज खान के वंशज थे तथा पिता की ओर से तैमूर लंग के वंशज थे किंतु मुगल अपने आप को मंगोल या मुगल कहलाना पसंद नहीं करते थे क्योंकि चंगेज खान मध्य एशिया एवं चीन में एक क्रूर शासक के रूप में प्रसिद्ध था मुगल स्वयं को तैमूर लंग  का वंशज कहलाना    पसंद करते थे।  बाबर के विषय में सामान्य जानकारी :- • जन्म - 14 फरवरी 1983 • माता -  कुतलुगनिगार खानम • पिता - उमर शेख मिर्जा • उपाधि - मिर्जा , पादशाह , गाजी • मृत्यु - 1530 ईसवी में • आत्मकथा - बाबर ने अपनी आत्मकथा तुजुक-ए-बाबरी (बाबरनामा) तुर्की भाषा में लिखी है।   • कब्र / मकबरा  -  बाबर को सर्वप्रथम आगरा के आराम बाग में दफनाया गया किंतु बाद में उसे उसकी पत्नी मुबारक युसूफजाई  द्वारा काबुल में दफनाया ...

Baudha dharm in hindi। बौद्ध धर्म इन हिंदी।

छठी शताब्दी ईसा पूर्व में नए धर्मों का उदय हुआ जिन्होंने लोगों के बीच सामाजिक समरसता उत्पन्न करने पर बल दिया एवं यज्ञ आदि में की जा रही निर्मम पशु हत्या का विरोध किया।  किसी समय दो महान धर्म बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म का उदय  हुआ आज हम बहुत धर्म के बारे में विस्तार से पढ़ेगे ।   गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की।  गौतम बुद्ध से संबंधित जानकारी -  गौतम जन्मे लुंबिनी , बोधगया में ज्ञान  सारनाथ में सीख दी , कुशीनगर में प्राण • जन्म - 563 BC • मृत्यु - 483 BC ( महापरिनिर्वाण )  • पिता - शुद्धोधन  • माता - महामाया  • वंश - शाक्य वंश • सौतेली माता - प्रजापति गौतमी  प्रजापति गौतमी , सिद्धार्थ अर्थात गौतमबुद्ध  की सौतेली मां थी जो इनकी मौसी भी थी । इनकी माता महामाया की मृत्यु गौतम बुद्ध को जन्म देते समय हो गई थी। आगे जाकर प्रजापति गौतमी वह पहली महिला बनी जिन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया । इससे पूर्व बौद्ध धर्म में महिलाओं का प्रवेश वर्जित था • पत्नी - यशोधरा  • पुत्र - राहुल  • गृहत्याग - 29 वर्ष की आयु में ( महाभिनि...