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Rajarammohan rai in hindi। राजा राममोहन राय के समाज सुधार आंदोलन। bramha samaj in hindi। brambha samaj

राजा राममोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण के जनक के रूप में जाना जाता है । राजा राममोहन राय द्वारा ब्रह्म समाज की स्थापना की गई थी जो कि पाश्चात्य विचारधाराओं पर आधारित था । यह हिंदू धर्म का पहला सुधार आंदोलन था।  राजा राम मोहन राय भारतीय नवजागरण के अग्रदूत थे।  राजा राममोहन राय एकेश्वरवाद में विश्वास करते थे अर्थात् उनका मानना था कि भगवान एक है और लोग उन्हें अलग-अलग रूपों में पूजते हैं किंतु वास्तव में हम सभी को बनाने वाले भगवान अलग ना होकर एक ही शक्ति हैं।  • 1809 में उन्होंने एकेश्वरवादएकेश्वरवादियों को उपहार नामक एक पुस्तक लिखी।  • उन्होंने वेदों और उपनिषदों का बंगाली भाषा में अनुवाद कर यह स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म ग्रंथ भी एक ही ईश्वर को मानते हैं।  • 1814 में उन्होंने कोलकाता में आत्मीय सभा की स्थापना की।  आत्मीय सभा - मित्रों का समाज • जाति प्रथा , मूर्ति पूजा, सती प्रथा एवं अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने का प्रयत्न किया।  • राजा राम मोहन राय द्वारा अनेक कुरीतियों जो कि हिंदू धर्म से संबंधित थी, का विरोध करने के कारण काफी लोगों ने पाश्चात्य धर्...