taimur lung। तैमूर लंग कौन था?

तैमूर लंग इस्लाम धर्म का अनुयायी था और सिकंदर तथा चंगेज खान की भांति विश्व विजय की कामना रखता था। 
तैमूर एक पैर से लंगड़ा था इसी कारण इसे तैमूर लंग कहा जाता है। 
तैमूर लंग 14 वीं शताब्दी का एक शासक था जिसका साम्राज्य पश्चिम एशिया, मध्य एशिया से लेकर भारत के पश्चिम तक फैला हुआ था । 

अपने वैश्विक विजय के अभियान में तैमूर लंग ने पश्चिमी एशिया से लेकर भारत की सीमा तक अपने साम्राज्य का विस्तार कर लिया। तैमूर लंग ने जब भारत पर आक्रमण करने की योजना बनाई तो उसके प्रमुख अधिकारियों ने उसे ऐसा करने से रोक दिया किंतु तैमूर लंग अभी भी भारत पर आक्रमण करने की इच्छा रखता था इसलिए उसने भारत पर आक्रमण की अपनी योजना को इस्लाम के प्रचार का नाम दे दिया इस्लाम धर्म के प्रचार के नाम पर उसके सभी सहयोगियों में भी भारत पर आक्रमण करने की सहमति देगी । 
जिसके परिणामस्वरूप तैमूर लंग ने 1398 ई. में भारत पर आक्रमण किया। 

तैमूर लंग का आक्रमण मुख्यतः मुल्तान के क्षेत्र तक केंद्रीय था। इसके पश्चात उसने दिल्ली की ओर कदम बढ़ाया । इस समय दिल्ली में तुगलक वंश का सुल्तान महमूद शासन कर रहा था जो तैमूर लंग के भय से भागकर गुजरात चला गया। तैमूर लंग जब दिल्ली पहुंचा तो उसने वहां भीषण नरसंहार किया। उसने व्यापक मात्रा में लूटपाट और निर्दोषों की हत्या की । साथ ही अनेक स्त्रियों और बच्चों को भी गुलाम बनाकर अपने साथ समरकंद ले गया। तैमूर लंग अपने अपने साथ भारत की शिल्पीयों को भी ले गया और समरकंद में अनेक इमारतें बनवायी । अपने आक्रमण के दौरान उसने अनेक  मंदिरों एवं मूर्तियों को नष्ट किया गया तथा गैर इस्लामी अनुयायियों की निर्मम हत्या की गई। 

"तैमूर लंग के विषय में कहा जाता है कि वह अपने दुश्मनों की हत्या करने के पश्चात उनके कटे सिरों की दीवार बना देता था। "

अपने भारत आक्रमण के दौरान तैमूर लंग ने मुल्तान , दिल्ली मेरठ , हरिद्वार , कांगड़ा एवं जम्मू कश्मीर पर भी आक्रमण किया। तैमूर लंग लगभग 1 वर्ष तक भारत में रहा और इस दौरान उसने भारी मात्रा में धन की लूट की। भारत से वापस लौटते समय तैमूर लंग ने खिज्र खां को मुल्तान , लाहौर और दीवालपुर का प्रशासक नियुक्त किया। 

 दिल्ली का सुल्तान महमूद तैमूर लंग के वापस लौट जाने के पश्चात भी कभी दिल्ली वापस नहीं गया और गुजरात से ही शासन करता रहा। 

भारत में खिज्र खाँ तैमूर लंग की बहुत सहायता की थी जिससे प्रसन्न होकर तैमूर लंग ने उसे मुल्तान, लाहौर और दीवालपुर का प्रशासक नियुक्त किया । खिज्र खाँ भारत के इन क्षेत्रों में तैमूर लंग के प्रतिनिधि एवं उसके पुत्र शाहरुख के प्रतिनिधि के रूप में निरंतर शासन करता रहा और तैमूर लंग को नियमित तौर पर कर भी भेजता रहा। 

तैमूर लंग की मृत्यु के पश्चात एवं तुगलक वंश के अंतिम शासक सुल्तान महमूद की मृत्यु के पश्चात खिज्र खाँ सैयद वंश की स्थापना की। 

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