भोपाल रियासत की स्थापना| भोपाल की बेगमें।Bhopal dynasty mppsc mains 2021। Bhopal riyasat mppsc mains 2021।MP Gk notes

आज हम आपको mp की भोपाल रियासत के बारे मैं बताने जा रहे हैं आशा करते हैं हमारा लेख आपके exam में उपयोगी होगा 

Content 
(1) भोपाल रियासत का का परिचय
(2) भोपाल रियासत की स्थापना
(3) भोपाल के शासकों का क्रम 
(4) भोपाल के शासकों के कार्य 

              भोपाल रियासत का परिचय

 भोपाल रियासत के बनने से पहले यहा गोंड राजा निजाम शाह का शासन था जिनकी हत्या चैनसिंह ने जहर देेेकर कर दी । निजाम शाह की विधवा रानी कमलापति और पुत्र नवलशाह असहाय हो गए।इन परिस्थियों में रानी कमलावती ने अपने राज्य की सुुुुरक्षा हेतु दोस्त मुहम्मद खान से  एक समझौता किया जिसके तहत् दोस्त मुहम्मद खान को मौजा गांव और राजसी धन दिया गया तथा उसे राज्य के प्रबंधन का कार्य सौंपा गया।रानी कमलापति की मृत्यु केे पश्चाात दोस्त मोहम्मद खान ने गिन्नौरगढ़ के किले पर अधिकार कर लिया। इसके अतिरिक्त दोस्त मोहम्मद खान ने जगदीशपुर केे देवरा राजपूतों की धोखे से हत्या करके उन्हें हलााली नदी में बहा दिया ,कहा जाता है कि उसने इतनी क्रूरता से राजपूतों की हत्या की कि उनके रक्त से नदी का जल लाल हो गया तभी से इस नदी को हलाली नदी केेे नाम से जाना जाता है।

(1)दोस्त मोहम्मद खान(1723-1728)

दोस्त्त मोहम्मद खान एक अफगान सरदार था जो मंगल गढ़ में मुगल सेना का एक कमांडर था।

रानी कमलापति की मृत्युके पश्चात गिन्नौरगढ़ के किले पर अधिकार कर लिया। (भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का 2021 में नाम परिवर्तित करके कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है)

 दोस्त मोहम्मद खान ने 1724 ई. में भोपाल रियासत की स्थापना की

अपनेे साम्राज्य विस्तार के लिए दोस्त मोहम्मद खान ने छल और कपट की नीति का अनुसरण किया जिसका सीधा प्रमाण देेेखा जा सकता है कि उसने देवरा केे राजपूतों को समझौता करने के लिए बुलाकर धोखे से उनकी हत्या कर दी।

उसने राजपूतों की राजधानी जगदीशपुर पर कब्जा कर लिया तथा उसका नाम परिवर्तित करके इस्लामनगर रख दिया तथा उसेेअपनी राजधानी बनाया।

66 वर्ष की आयुु में दोस्त मोहम्मद खान की मृत्यु।

दोस्त मोहम्मद खान के प्रमुख निर्माण कार्य- 

फतेहगढ़ का किला( अपनी बीवी फतेह के नाम पर)
~ढाई शीढ़ी की मस्जिद
~छोटा किला तथा कुछ अन्य महल

(2) यार मोहम्मद खान(1728-1742)

यार मोहम्मद खान दोस्त्त मोहम्मद का पुत्र था।

इनके शासन काल में 1737 में मराठाओं का आक्रमण हुआ किंतु इसने युद्धध की नीति ना अपनाते हुए मराठा ओं को कुछ फिरौती देकर उनसे समझौता कर लिया।

 इन्हें इस्लामनगर में दफनायाा गया।

(3) फैज मोहम्मद खान(1742-1777)

फैज यार मोहम्मद खान का पुत्र था।

 इसने रायसेन के दुर्ग को जीता।

पेशवाओं ने आक्रमण कर उत्तर पश्चिम भाग को जीत लिया ।
फैज मोहम्मद खान निसंतान था अतः उसकी मृत्यु के पश्चात उसके भाई हयात मोहम्मद खान नेेे शासन संभाला ।

(4) हयात मोहम्मद खान(1777-1807)

धार्मिक प्रवृत्ति का व्यक्ति था।

फैज मोहम्मद का भाई।

शासन में ममोला बीबी और दीवान का हस्तक्षेप बड़ा

(5)नवाब गौस मोहम्मद खान(1807-1826)

गौस मोहम्मद खान के शासनकाल के समय तक वजीर का पद काफी शक्तिशाली हो चुकाा था और नवाब का पद नाम मात्र का रह गया था।

वजीर ने नवाब को उसकेेे पद पर बने रहने के लिए एक समझौतेे की पेशकश की जिसकेे तहत नवाब ने अपनीबेटी गौहर  का विवाह वजीर केे बेटे नजर मोहम्मद से कर दिया।


1819 से भोपाल रियासत में बेगमों का शासन प्रारंभ हुआ जिसे बेगमों के शासनकाल के स्वर्ण युग के नाम से जाना जाता है( बीच-बीच में कुछ अन्य शासक भी आए जो केवल नाम मात्र केेे शासक थे प्रमुख रूप से भोपााल में बेगमों ने शासन का प्रबंध अपनेे हाथों मैं ले लिया)
बेगमों का क्रम-
(1) गौहर या कुदसिया बेगम
(2) सिकंदर जहाँ बेगम
(3)शाहजहाँ बेगम
(4)कैखुसरो बेगम(सरकार अम्मा)
(5)साजिदा बेगम

   
गौहर बेगम के पति नवाब नजर मोहम्मद खान की मृत्यु एक बड़ी ही अजीब घटना के रूप में हुई ऐसा कहा जाता है कि उनके भतीजे( छोटे बच्चे) के द्वारा खेल -खेल में बंदूक द्वारा गोली लगने के कारण नजर मोहम्मद की मृत्यु हो गई और गौहर बेगम कुदसिया बेगम के नाम से शासिका बनीं।
#गौहर बेगम( कुदसिया बेगम ){1819-1837}

भोपाल रियासत पर शासन करनेे वाली प्रथम महिलाा शासिका।

हालाकिं यह अशिक्षित थीं फिर भी इन्होंने पुुुरदाह प्रथा (पर्दा प्रथा) जैसी रूढ़ियों को मानने से इंकार कर दिया। 

1818 में आंग्ल - भोपाल संधि इन्हीं के शासनकाल में हुई।

इन्होंने गौहर महल का निर्माण करवाया।
कुदसिया बेगम द्वारा भोपाल के जामा मस्जिद का निर्माण करवाया गया।

भोपाल के सज्जनों और ब्रिटिश सरकार द्वारा नजर मोहम्मद के भतीजे के भतीजे मुनीर मोहम्मद खान के साथ उनकी बेटी सिकंदर बेगम का विवाह करने का फैसला लियाा गया किंतु उन्होंने इसका विरोध किया अंत में ब्रिटिश अधिकारी मेडडॉक्स सेे समझौता हुआ। जिसके तहत मुनीर मोहम्मद अपने भाई जहांगीर को राज्य देेकर ₹40000 प्रतिवर्ष के मुआवजे पर इस्तीफा दिया।

 17 अप्रैल 1835 को गौहर बेगम नेे अपनी बेटी सिकंदर बेगम का विवाह जहांगीर मोहम्मद खान से किया।

NOTE:-1837-1844 तक नवाब जहांगीर मोहम्मद खान ने शासन किया।

# सिकंदर जहां बेगम(1860-1868)
•1844 से 1860 तक संरक्षिका के रूप में शासन संभाला।

सिकंदर जहां बेगम को ब्रिटिश सरकार द्वारा उनकी बेटी शाहजहां के संरक्षक के रूप में शासक नियुक्त किया गया।

मार्शल आर्ट में पूर्णतःप्रशिक्षित।

इन्होंनेे भी पर्दा प्रथा का पालन नहीं किया।

 1857 के विद्रोह में रानी ने अंग्रेजों का भरपूर सहयोग किया जिससे प्रसन्न्न होकर ब्रिटिश क्राउन द्वारा 3 मार्च 1860 में उन्हें औपचारिक रूप से शासक नियुक्त किया गया।

• लॉर्ड कैनिंग ने 1857 केे विद्रोह मैं बेगम द्वारा किए गए सहयोग की प्रशंसा की तथा नवंबर 1861 में इलाहाबाद में बेगम सिकंदर जहां को" स्टार ऑफ इंडिया सर्वोच्च सम्मान"  सेे सम्मानित किया गया।

•1864- मक्का तीर्थ यात्रा पर जाने वाली प्रथम शासिका
• मृत्यु- 30 अक्टूबर 1868(51 वर्ष की आयु में)

• कब्र- फरहत अफजा बाग ,भोपाल।

सिकंदर जहां बेगम द्वारा कराए गए निर्माण कार्य-
~मोती मस्जिद तथा मोती महल का निर्माण
~ जनकल्याण हेतु सड़कों का निर्माण करवाया

# शाहजहां बेगम (1868-1901)

सिकंदर बेगम और नवाब जहांगीर की पुत्री।

भोपाल रियासत में सर्वाधिक समय तक शासन करनेे वाली  बेगम।

• शाहजहां बेगम कला की संरक्षक थीं।

शाहजहाँनाबाद नामक मिनी शहर की स्थापना की।

इन्होंने ताज -उल- मस्जिद (भारत की सबसे बड़ी मस्जिद )का निर्माण करवाया।

• मृत्यु- 16 June 1901

# कैखुसरू जहाँ बेगम 'सरकार अम्मा' (1901-1926)

सदर मंजिल नामक अपना निवास बनाया।            (सदर मंजिल वर्तमान में भोपाल नगर निगम का कार्यालय है)

•1903 में भोपाल में आधुनिक नगर पालिका की स्थापनाा की

• अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की प्रथम चांसलर बनीं।

दिवंगत पति की याद में अहमदाबाद नामक मिनी शहर की स्थापना की। (यह अहमदाबाद गुजरात के अहमदाबाद से अलग है)

• नूर -उस-सबा नामक महल का निर्माण करवाया।

अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन की प्रथम अध्यक्ष।

शिक्षा को प्रोत्साहन देने हेतु 75 प्राइमरी स्कूलों की स्थापना की तथा प्राथमिक शिक्षा को नौकरी हेतु अनिवार्य बना दिया। 

• इन्होंने अनेक विद्यालयों की स्थापना की जैसे - अलेक्जेंड्रिया ,जहांगीरिया मदरसी ,अहमदिया।

प्रजा को न्याय दिलाने हेतु 44 कोर्ट की स्थापना की ।

इन्होंने हिंदुओंं को महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किया जिससे भोपाल में एक अद्भुत मिश्रित संस्कृति का उदय हुआ

यूनानी चिकित्सालय तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु कौशल विकास केंद्र की स्थापना की।

# नवाब हमीदुल्लाह खान (1926-1947)
भोपाल केेे अंतिम नवाब ।

 2 बार चेंबर ऑफ प्रिंसेस के चांसलर रहे।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त ।

# साजिदा सुल्तान(1961-1995)

स्वतंत्रता प्राप्ति केे पश्चात बनने वाली भोपाल की प्रथम बेगम।

भारत सरकार ने नवाब हमीदुल्लाह खान के छोटी बेटी साजिदा सुल्तान को भारत की बेगम का दर्जा दिया क्योंकि इनके बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान भारत के विभाजन के पश्चात पाकिस्तान में जाकर बस गई थीं।


 साजिदा सुल्तान का विवाह पटौदी के नवाब के के साथ हुआ।

इनकेे बेटे नवाब मंसूर अली खान पटौदी भारतीय क्रिकेट टीम केेे कप्तान रहे ।






मध्यप्रदेश से संबंधित अन्य रियासतों की जानकारी यहां उपलब्ध है :-

टिप्पणियाँ

  1. यदि आपको हमारी पोस्ट पसंद आई हो तो कृपया कमेंट करके अवश्य बताएं तथा इसी प्रकार की अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें सूचित करें एवं सुझाव दें।

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बलबन कौन था ? बलबन की लौह और रक्त की नीति को समझाइए ?

muhmmad-bin-tuglak ki bhulein। मुहम्मद-बिन-तुगलक के असफल प्रयोग।

मौर्याकाल की प्रशासनिक व्यवस्था। मौर्यकालीन प्रशासन। mauryakal ka prashasan। कौटिल्य का सप्तांग सिद्धांत