रीवा रियासत के राजा गुलाब सिंह के प्रमुख कार्य एवं सुधार mppsc mains 2021

                             गुलाब  सिंह

गुलाब सिंह रीवा रियासत पर शासन करने वाले एक प्रमुख राजा रहे हैं । इनसे पूर्व रीवा पर 32 राजाओं का शासन रहा है । राजा गुलाब सिंह जी को उनके कार्यों के साथ-साथ उनके सुधारों के लिए प्रमुख रूप से जाना जाता है गुलाब सिंह का जन्म 13 मार्च 1903 को हुआ ।इनके पिता राजा वेंकटरमण सिंह तथा माता  श्री शिवराज कुमारी देवी है। इनकी माता को उज्जयिनी महारानी के नाम से भी जाना जाता है जो कि डुमँराव के महाराज राधिका प्रसाद सिंह परमार की पुत्री थी । 

   इन्होंने 1918 से 30 जनवरी 1946 तक शासन किया तत्पश्चात इनके पुत्र मार्तंड सिंह 31 जनवरी 1946 को रीवा रियासत(बघेली रियासत) के राजा बने।

गुलाब सिंह द्वारा किए गए प्रमुख सुधार :-

प्रशासनिक सुधार :-
० 1927 ईस्वी में बघेलखंड में न्यायालय की स्थापना की।

० रीवा में बैंंक ऑफ बघेलखंड की स्थापना गुलाब सिंह द्वारा सन 1934 ईस्वी में की गई ।

० इन्होंने राज्य की आर्थिक स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु कृषि संबंधी अनेक सुधार किए ।

सतना में श्री बघेलखंड फ्लावर मिल की स्थापना की।

सामाजिक सुधार :-
० इन्होंने  में समाज में प्रचलित कई कुप्रथा एवं कुरीतियों  को समाप्त करने के लिए कानून बनाए।
  जैसे - बाल विवाह, जाति प्रथा ,अस्पृश्यता आदि।

० इन्होंने सहभोज प्रथा (साथ भोजन करने की प्रथा) चलाई जिसमें सभी जाति के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते थे अर्थात् ब्राम्हण ,क्षत्रिय, वैश्य ,शूद्र आदि के बीच जातिगत भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया।

० इन्होंने बघेलखंड बालचर मंडल का गठन किया।


शैक्षणिक सुधार :-
० इन्हीं के शासनकाल में 1926 ई. में हिंदी मिडिल परीक्षा के आयोजन का स्थान सतना को कर दिया गया जो पहले इलाहाबाद (वर्तमान- प्रयागराज) हुआ करता था।

० रीवा में संस्कृत महाविद्यालय (1937 ई.में )की स्थापना की।

० शिक्षा मंदिर नामक अंग्रेजी माध्यम( इंग्लिश मीडियम) विद्यालय की स्थापना की।

० स्त्रियों की शिक्षा में सुधार करने हेतु तथा शिक्षा की मुख्यधारा से स्त्रियों को जोड़ने के लिए सुदर्शन कुमारी बालिका उच्चतर विद्यालय की स्थापना की।

इनके द्वारा किए गए सामाजिक सुधारों शैक्षिक सुधारों तथा प्रशासनिक सुधारों के कारण यह प्रजा के बीच बहुत लोकप्रिय थे तथा प्रजा के मन में इनके प्रति असीम प्रेम तथा सम्मान का भाव था । इनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण अंग्रेजों को  यह भय सताने लगा कि कहीं रीवा रियासत स्वयं को स्वतंत्र ना घोषित कर दे इसलिए अंग्रेजों ने एक षड्यंत्र के तहत राजा गुलाब सिंह पर झूठे आरोप लगाकर उन पर मुकदमा चलाया किंतु वे किसी आरोप को सही साबित नहीं कर सके ।उन्होंने राजा गुलाब सिंह को रीवा रियासत से निष्कासित कर दिया गया । वे वे अपनी प्रजा से असीम प्रेम करते थे साथ ही प्रजा को भी उनसे  उतना ही प्रेम था किंतु चाह    कर भी राजा गुलाब सिंह जी को नहीं रोक सकी।    अंततः 13 अप्रैल 1950 महाराजा गुलाब सिंह जी की मृत्यु हो गई।

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