Holkar vansh in hindi 2021।Indore riyasat in Hindi । Indore dynasty in Hindi ।होलकर वंश का इतिहास।अहिल्याबाई होलकर ।तुकोजीराव होलकर
होलकर रियासत
होलकर धनगर (चरवाह) जाति से संबंधित थे। होलकर वंश की स्थापना करने से पूर्व मल्हार राव होलकर ने पेशवाओं की अनेक युद्धों में सहायता की तथा उन्हें विजय दिलवायी मराठाओं ने उनकी सैनिक कुशलता को देखते हुए तथा उनके साहस और प्रतिभा को देखकर उन्हें 11 गांवों की जागीर सौंपी।
1727ई. मैं मल्हारराव होलकर को मराठों( पेशवा) द्वारा मालवा के 5 महलों की सनद प्राप्त हुई और उन्होंने वहां शासन करना प्रारंभ कर दिया।
>मल्हार राव होलकर
• जन्म -1693ई.में
•पिता - खांडूूजी
•इनकी चार पत्नियां थीं-(1) गौतमाबाई
(2) द्वारकाबाई
(3)बाणाबाई
(4)हलकोबाई
• गौतमाबाई से इन्हें एक पुत्र खांडेराव( खांडेराव का नाम मल्हार राव ने कुलदेवता खंडोबा के नाम पर रखा) की प्राप्ति हुई।
• मल्हार राव होलकर मालवा पर शासन करने वाले प्रथम मराठा सूबेदार थे।
मल्हार राव होलकर द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध
•1731- मल्हार राव होलकर और दया बहादुर के बीच तिरला का युद्ध हुआ।
•1724-मल्हारराव तथा गिरधर के बीच सारंगपुर का युद्ध हुआ।
पानीपत का तृतीय युद्ध-1576
पानीपत के तृतीय युद्ध में मल्हार राव होलकर ने मराठाओं की ओर से युद्ध में भाग लिया इन्होंने मराठाओं के सेनापति सदाशिव राव को यह सुझाव दिया कि मराठा अपने गुरिल्ला युद्ध पद्धति(छापामार पद्धति) के लिए जाने जाते हैं इसलिए उन्हें अहमदशाह अब्दाली से सीधे युद्ध न करते हुए अपनी छापामार युद्ध पद्धति से ही युद्ध करना चाहिए किंतु सदाशिवराव ने उनका अपमान करते हुए उन्हें छोटे राज्य का गडरिया कहकर संबोधित किया जिससे अपमानित होकर मल्हार राव होलकर युद्ध बीच में ही छोड़कर वापस आ जाते हैं और अंततः पानीपत के तृतीय युद्ध में मराठाओं की पराजय होती है।
• मल्हार राव की मृत्यु 1766ई. में हुई।
>खांडेराव होलकर
• खांडेराव होलकर का विवाह रानी अहिल्याबाई के साथ होता है।
•खांडेराव की मृत्यु कुंभेर के युद्ध में भरतपुर के राजा सूरजमल जाट से युद्ध करते हुए हो जाती है। इनकी मृत्यु के पश्चात इनकी पत्नी अहिल्याबाई शासन का कार्यभार संभालती हैं।
•खांडेराव की 10 पत्नियां थी जिनमें से 9 उनकी मृत्यु के पश्चात सती हो गईं।
>देवी अहिल्याबाई बाई
• जन्म-31मई 1725 ,चौंडी(अहमदनगर ,महाराष्ट्र)
• माता -पिता = सुशीला शिंदे,मनकोजी शिंदे
•खांडेराव की मृत्यु के पश्चात उनकी पत्नी अहिल्याबाई होलकर ने शासन का कार्यभार संभाला।
• सेनापति- तुकोजीराव होलकर ( तुकोजीराव ,खांडेराव के भतीजे थे इन्होंने अहिल्याबाई का भरपूर सहयोग किया यह अहिल्याबाई को मातोश्री कहकर पुकारते थे देवी अहिल्याबाई के जीवन पर सुमित्रा महाजन द्वारा मातोश्री नामक पुस्तक लिखी गई है।
• राजधानी इंदौर से महेश्वर स्थानांतरित की।
• इनके शासनकाल में रघुनाथ राव(राघोबा) ने आक्रमण किया ।
•अहिल्याबाई और खांडेराव की दो संताने थी-
(1) मालेराव
(2) मुक्ताबाई
इन्होंने राज्य में शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिए एक शर्त रखी की जो कोई भी व्यक्ति राज्य में शांति-व्यवस्था स्थापित करेगा उसका विवाह मुक्ताबाई के साथ किया जाएगा। यशवंतराव फणसे इस कार्य में सफल रहे जिसके फलस्वरूप इन्होंने यशवंत राय फणसे से मुक्ताबाई का विवाह किया गया।
•अनेक मंदिरों, घाटो आदि का निर्माण करवाया।
Example - काशी विश्वनाथ मंदिर।
•महिलाओं के लिए संपत्ति के कानून में परिवर्तन किया। अहिल्याबाई के शासिका बनने उसे पूूर्व यह नियम था कि यदि किसी स्त्री का पति और पुत्र नहीं होते थे तो उसकी संपत्ति नीलाम कर दी जाकी थी। किंतु इन्होंने यह नियम बना दिया की स्त्री की संपत्ति पर सिर्फ उसी की अधिकार होगा। उसका पति और पुत्र हों या न हों।
• इन्होंने महिलाओं की सेना बनाई। जिसे महिला सशक्तिकरण के एक अच्छे उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है।
• अहिल्याबाई अत्यधिक न्याय प्रिय थीं।
इनके अनेक जन हितैषी कार्यों के कारण ही इन्हें देवी अहिल्याबाई कहा जाने लगा।
• मृृत्यु-1797ई.
>मालेराव होलकर
• मालेराव अल्प समय के लिए शासक बना।
>तुकोजीराव होलकर प्रथम
• अहिल्याबाई के सेनापति के रूप में सेवाा दी।
• इन्होंने भरतपुर के राजा को पराजित कर उससे हरजाना वसूल किया।
• रोहिलाओं को समाप्त किया।
• तुकोजीराव होलकर की 4 संताानें थीं
काशीराव , मल्हार राव द्वितीय,बिट्डूजी ,यशवंतराव
• काशीराव विकलांग था इसलिए राज्य पाने के लिए उसने सिंधिया के साथ मिलकर अपनेेे भाई मल्हारराव-ii की हत्या करवा दी तथा बिट्डूजी ने पेशवाओं पर आक्रमण कर दिया पेशवा में उसे पराजित किया और उसकी हत्या कर दी इस प्रकार अगले शासक यशवंतराव बने।
>यशवंत राव होलकर
• यशवंत राव होलकर इस वंश का सर्वाधिक प्रतापी राजाा हुआ जिसने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए।
• इन्हीं के शासनकाल में द्वितीय आंग्ल मराठा युद्ध (1803-1805) हुआ।
यशवंतराव केे भाई मल्हारराव द्वितीय की हत्या सिंधिया ने तथा उनकेे दूसरे भाई बिट्डूजी की हत्या पेशवा द्वारा कर दी गई थी जिसका बदला यशवंतराव ने सिंधिया और पेशवा की सेना को संयुक्त्त रुप से पराजित करके लिया।
• पेशवा बाजीराव द्वितीय यशवंत राव के भय से भागकर बेेेसीन चले गए और 1802 में वेेेलेजली से बसीन की संधि कर ली।
बसीन / बेसीन की संधि की शर्तें
•अंग्रेजों द्वारा पुणे में अपनी सेना रखना तय किया गया।
• ताप्ती तथा नर्मदा के मध्य का प्रदेश तथा तुंगभद्रा नदी के पास के प्रदेश जिनकी आय लगभग 26 लाख रुपए थी पेशवा द्वारा कंपनी को दे दिए गए।
• सूरत को कंपनी के अधीन सौंप दिया गया ।
• अन्य राज्य से संबंधित किसी भी प्रकार के संबंध के विषय में निर्णय लेने का अधिकार पेशवा की ओर से अंग्रेजों को प्राप्त हो गया।
• कंपनी द्वारा पेशवा को निजाम से चौथ न लेने तथा गायकवाड़ के विरुद्ध युद्ध ना करने का वचन लिया गया।
• पेशवा द्वारा अंग्रेज विरोधी लोगों से संबंध ना रखने का वचन लिया गया।
बसीन की संधि का महत्व-
बेसीन की संधि के परिणामस्वरूप पेशवा जो मराठा की एक प्रमुख शक्ति के रूप में कार्य कर रहे थे उनकी शक्ति कम हुई तथा अंग्रेजों के अधिकार क्षेत्र तथा शक्तियों में वृद्धि हुई ।पेशवा के अधीन पुणे अब अंग्रेजों के अधीन आ गया तथा पेशवा तथा निजाम का युद्ध स्वतः होते समाप्त हो गया ।अंग्रेजों मध्यस्थता से पेशवा, निजाम और गायकवाड़ के बीच युद्धों का क्रम समाप्त हो गया।
• यशवंतराव ने सभी भारतीय राजाओं को एक साथ मिलकर अंग्रेजों केे विरुद्ध युुुद्ध करने के लिए आमंत्रित किया किंतु किसी ने भी उसका साथ नहीं दिया।
यशवंतराव अंग्रेजो से पराजित हुए और 1805 ई.में यशवंतराव और अंग्रेजो से मध्य राजपुरघाट की संधि हुई।
• अंत में यशवंतराव मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए और उनकी मृत्यु हो गई।
>मल्हारराव होलकर तृतीय
• 4 वर्ष की उम्र में शासक बने।
• मल्हार राव खोलकर तृतीय की आयु बहुत कम थी इसलिए उनकी सौतेली माता अर्थात् यशवंतराव की पत्नी तुलसाबाई ने संरक्षिका के रूप में शासन संभाला वह बहुत वीर महिला थीं।
• तुलसाबाई के दीवान बलराम सेठ तथा पिंडारी नेता अमीर खाँ उसके समर्थक थे किंतु बाद में संंभावित है उन्होंने विश्वासघात कर दिया और सेना के विद्रोह में तुलसाबाई मारी गईं।
महीदपुर का युद्ध
1817 में अंग्रेजों की सेना तथा होलकरों के मध्य महिदपुर का युद्ध हुआ जिसमें अंग्रेजों की ओर से सर थॉमस हिस्लोप ने तथा होलकर की ओर से मल्हारराव होलकर तृतीय( 11वर्ष )भीमाबाई होलकर (20 वर्ष) और हरिराव होलकर कर( 20 वर्ष) ने भाग लिया ।
मंदसौर की संधि(6 January 1818)
होलकर महिदपुर के युद्ध में पराजित हुए और उन्होंने अंग्रेजों से मंदसौर की संधि कर ली। अंग्रेजों की ओर से जॉन मॉल्कम और होलकर की ओर से तात्या जोग ने संधि पर हस्ताक्षर किए।
यहां यह उल्लेखनीय की भीमाबाई (यशवंतराव की पुत्री) अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध करने वाली प्रथम भारतीय महिला थी तथा इन्होंने मंदसौर की संधि को स्वीकार नहीं किया तथा जीवन के अंतिम क्षणों तक अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष करती रहीं।
• इन्हीं केे शासनकाल में राजधानी महेश्वर से पुुनः इंदौर स्थानांतरित कर दी गई।
>मार्तंड राव होलकर
>हरिराव होलकर
• हरिराव होलकर के समय राज्य आर्थिक रूप से कमजोर हो गया तथा कर्ज के बोछ में दब गया ।
>खांडेराव होलकर द्वितीय
कोई विशेष कार्य नहीं।
>तुकोजीराव होलकर द्वितीय
• श्रीमंत यूकाजी जसवंत तुकोजीराव होलकर द्वितीय के नाम से सिंहासन पर बैठे।
•तुकोजीराव होलकर द्वितीय किस शासनकाल में 1857 की क्रांति हुई ।इंदौर में 1857 की क्रांति का नेतृत्व सआदत खान ने किया। तुकोजीराव ने प्रत्यक्ष रूप से तो अंग्रेजों का साथ दिया किंतु अप्रत्यक्ष रूप से वे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ रहे । तुकोजीराव ने डूरंड से कहा कि उनका सेना पर से नियंत्रण खो गया है और सेना उनके नियंत्रण में नहीं है इसलिए वह अपनी रक्षा स्वयं करें।[ सआदत खान की मजार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग केे कार्यालय के सामने स्थित है।]
• तुकोजीराव होलकर द्वितीय वे पहले शासक थे जिन्होंने मध्यप्रदेश में इंदौर -खंडवा रेलवे लाइन बिछाने के लिए अंग्रेजों को एक करोड़ रुपए का कर्ज दिया था।
>शिवाजीराव होलकर
• 1889 मेें Indore technical institute नामक संस्था की स्थापनाा की।
• इंदौर में शिव विलास और सुखविलास महल का निर्माण करवाया ।
• बड़वाह का दरियाव महल भी बनवाया।
• शिवाजी राव होलकर ने खान नदी( कान्ह नदी) तट पर 3 मंजिला इमारत लालबाग महल का निर्माण करवाया ।
> तुकोजीराव होलकर तृतीय
• तुकोजीराव होलकर तृतीय 21 जनवरी 1903 को शासक बने इनके पिता शिवाजी राव होलकर तथा माता सीताबाई साहिब होलकर थीं।
• इन्होंने रोगियों के लिए अपने राज्य में एक सेनेटोरियम खोला ।
• 10 अप्रैल 1914 को हुकुमचंद मिल की नींव रखी। |•खाद्य सामग्री की कीमत ना बड़ इसलिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।
• इन्होंने विधवा विवाह एक्ट तथा सिविल मैरिज एक्ट पारित किया।
• अपने राज्य में रैयतवाड़ी व्यवस्था की शुरुआत की ।|
•न्याय व्यवस्था में सुधार करने हेतु त्रिस्तरीय कोर्ट की व्यवस्था की ।
~ सेशन कोर्ट
~ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट
~ मुंसिफ कोर्ट
• इन्होंने 26 feb 1926 तक शासन किया।
>यशवंतराव होलकर द्वितीय
• होलकर वंश के अंतिम राजा ।
• 1935 ई. में श्री क्षत्रिय धनगर सेवा संघ की स्थापना की।
• 1935 में ही इंदौर में हवाई अड्डे का निर्माण करवाया ।
• बड़़ा जलाशय और रावंत सागर का निर्माण करवाया
• होलकर क्रिकेट टीम की स्थापना की।
यशवंतराव होलकर द्वितीय के समय भारत आजाद होता है और ग्वालियर से लेकर इंदौर तक के भाग को मिलाकर मध्यभारत प्रांत का निर्माण किया जाता है। इंदौर और ग्वालियर को 6-6 महीने के लिए राजधानी बनाया जाता है ग्वालियर को शीतकालीन तथा इंदौर को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया।
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